
जड़ में आलू तने में टमाटर
लो भईया! अब एक ही पौध से मिलेगी आलू-टमाटर दोनों की फसल
चौपाल न्यूज नेटवर्क
विज्ञान तरक्की कर रहा है... यह बातें तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं तथा मन में वैज्ञानिक कल्पनाओं की उड़ान भी भरते रहते हैं। लेकिन विज्ञान एक दिन इस हद तक तरक्की करेगा कि आलू के पौध के ऊपर टमाटर का फल मिलेगा। शायद आपको भरोसा न हो, लेकिन यह सच कर दिखाया है हमारे वैज्ञानिकों ने। जिसे उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए जमीन पर उतारा है बहराईच जिले के उद्यान विभाग के सलाहकार आर.के. वर्मा ने।
राजकीय स्वर्ण जयंती पौधशाला बभनी रिसिया स्थित सेंटर फाॅर मिनी एक्सीलेंस सेंटर स्थानीय किसानों के बीच इस तकनीक को समझाते हुए श्री वर्मा ने बताया कि इस तकनीक से छोटे जोत वाले किसानों के साथ-साथ किचन गार्डेन करने वाले लोगों को बहुत फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैंने इस तकनीक को करीब से समझने के लिए पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के कई हिस्सों में महीनों भ्रमण किया। गौरतलब है कि इस तकनीक के माध्यम से इन राज्यों में किसान खेती कर रहे हैं।
इस तकनीक के बारे में समझाते हुए श्री वर्मा ने बताया कि आलू और टमाटर एक ही फैमिली ‘सोलानेस’ प्रजाति के पौधे होते हैं। इसलिए इनको एक साथ विनियर कटिंग के माध्यम से आसानी से विकसित किया जा सकता है। इन्हें इस विधि से तैयार करके जड़ से आलू की फसल व तने से टमाटर का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। श्री वर्मा के मुताबिक यह तकनीक छोटी जोत वाले किसानों के लिए मुनासिब का धंधा साबित हो रही है। इसके अलावा किचन गार्डेन के शौकीन लोग भी इसे गमलों में लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित केंद्रीय सब्जी अनुसंधान परिषद द्वारा भी इस तकनीक पर खेती करने पर बल दिया जा रहा है तथा ऐसे अनेक प्रयोग किया जा रहा है। श्री वर्मा ने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश के किसी जनपद में इस तकनीक के माध्यम से उत्पादन नहीं लिया जा रहा है। बहराइच पहला जनपद है जहां पर हम लोगों ने इस तकनीक पर बल दिया है और इस साल उद्यान विभाग के जिला इकाई लगभग तीन हजार पौध तैयार कर स्थानीय किसानों के बीच उपलब्ध करायेगी।
कार्यक्रम में आस-पास के हिस्सों से आये किसान बीच इस तकनीक को लेकर खासे उत्साहित दिखे तथा कई किसानों ने इस तकनीक का प्रयोग करने की भी सहमति जताई। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले स्थानीय प्रगतिशील किसानों में मुख्यतः अमरेन्द्र वर्मा, लालता प्रसाद गुप्ता,अनुज यादव समेत तमाम किसान उपस्थित रहे।